बलुरेतवा पर हमरो पलानी मितवा - प्रभुनाथ मिश्र | Baaluretwa Par Hamaro Palani Mitwa - Prabhunath Mishr

जहाँ उगिलेले उमस सुरुजवा के जोत
जहाँ जड़वो में लउकेला आड़ ना अलोत
जहाँ बरखा में उमड़ेला पानी मितवा 
बलुरेतवा पर हमरो पलानी मितवा

जहाँ नदिया से मटिया के मिटेला सिंगार
कहीं उँच उँच टिलवा आ कतहीं खलार
जहाँ भुइयाँ पऽ छिटल वा चानी मितवा 
बलुरेतवा पर हमरो पलानी मितवा

जहाँ मटिया के टेढ़-मेढ़ गहिर निसान 
असमनवाँ के छुए के लफेला मयदान 
जहाँ पनके पवन में बलुरेतवा जवानी मितवा
बलुरेतवा पर हमरो पलानी मितवा

जहाँ ठावाँ ठाँही पसरल बबुरा के काँट
जहाँ आइ के बटोहिया भुलाइ जाला बाट 
हम दियरा दानर के परानी मितवा
बलुरेतवा पर हमरो पलानी मितवा


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