जहाँ उगिलेले उमस सुरुजवा के जोत
जहाँ जड़वो में लउकेला आड़ ना अलोत
जहाँ बरखा में उमड़ेला पानी मितवा
बलुरेतवा पर हमरो पलानी मितवा
जहाँ जड़वो में लउकेला आड़ ना अलोत
जहाँ बरखा में उमड़ेला पानी मितवा
बलुरेतवा पर हमरो पलानी मितवा
जहाँ नदिया से मटिया के मिटेला सिंगार
कहीं उँच उँच टिलवा आ कतहीं खलार
जहाँ भुइयाँ पऽ छिटल वा चानी मितवा
बलुरेतवा पर हमरो पलानी मितवा
जहाँ मटिया के टेढ़-मेढ़ गहिर निसान
असमनवाँ के छुए के लफेला मयदान
जहाँ पनके पवन में बलुरेतवा जवानी मितवा
बलुरेतवा पर हमरो पलानी मितवा
जहाँ ठावाँ ठाँही पसरल बबुरा के काँट
जहाँ आइ के बटोहिया भुलाइ जाला बाट
हम दियरा दानर के परानी मितवा
बलुरेतवा पर हमरो पलानी मितवा
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भोजपुरी कविता