एही अँगना - हरिराम द्विवेदी l Ehi Angna - Hariram Dwivedi

झुरुर झुरुर डोलै बयार एही अँगना, बान्हल अँचरवा फहरि परै ।
डार-डार जिनिगी कै डोले सपनवाँ 
पात-पात विरमैला मुरहा परनवाँ 
मोहिया के एतनी पसार एही अँगना, पारल कजरवा बहरि परै । अँखिया के कोरे बसी सँवरइया 
लदरि-बदरि ओनई गझिन अमरईया 
लुपुर-झुपुर झूलै बहार एही अँगना, भुइयाँ बदरवा उतरि परै । 
आन कोई अनतै बँसुरिया बजावै 
निरफुल ओरहरी नियर रगियावै 
झनन-झनन मनकै सितार एही अँगना, रस के सगरवा लहरि परे ।
कुहुँकै जिनिगिया करै बरजोरी 
रहि-रहि के मारै उमिर टिटकोरी 
छुमुक छुमुक नाचे सिंगार एही अँगना, आल्हर जियरवा सिहरि परै। पौंड़ै चनरमा पोखरिया के पनियाँ 
लहरिन के बिचवाँ लुकाइल चननियाँ
हलर-हलर होलै जुवार एही अँगना, छुवतै कररवा भहरि परै। 
पवना बजावैला सरई कै घुघुना 
झुनन-झुनन सुनक भयल जिया दुगुना
डुगुर-डुगुर डोलै दुलार एही अँगना, सुध्धर असरवा टहरि परै।

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