नाँव जेकर बहुत जपीला हम
ऊत गुमनाम हौ सुनीला हम
सिव कऽ दुर्गा कऽ पाठ का होई
नाँव मंत्री कऽ अब रटीला हम
जबसे देखली है रंग हम ओनकर
मन ओह रंग में रँगीला हम
छः रुपैया किलो मलाई हौ
नाम खाली रटल करीला हम
घिव कऽ नाहीं मिलत जलेबा हौ
चाह ओनके बदे धरीला हम
चाँद आवे ला जब घरे हमरे
चाँदनी में हँसल करीला हम
तू तऽ भइलऽ सिमेन्ट कऽ बोरिया
इंतिजारी में नित मरीला हम
अस फँसउलन कि का कहीं भयवा
ऊ चरावालंऽ औ चरीला हम
तू लड़ाई में पार का पइबऽ
राजनीति कऽ समर लड़ीला हम
लोग हमें कहऽलन 'बेढब' हौ
बात ढक कऽ मगर करीला हम
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भोजपुरी कविता