जाग हो गइल भोर रे मन-जाग हो गइल भोर
चिरइन के. कल-कल शोर रे मन जाग हो गइल भोर
पानी के बुल्ला नियर तारा बिलाइल गइल अन्हरिया दूर
लाल पुरुब में फूल फुलाइल, लाल बादर कोर रे मन
लेके जम्हाई भले आँख गोरिया इहरि-सिहरि जाला देह
बहल मद मातल पवनवाँ गहुमा के देह झकझोर रे मन
जाग हो गइल भोर रे मन-जाग हो गइल भोर
गइया पियावे-चाटे आपन बछरुआ थान से फफकला दूध हरवा-बएल लेके चलले- किसनवाँ आपन खेतिया के ओर रे मन
जाग हो गइल भोर रे मन-जाग हो गइल भोर
किचिहिल भइगइले पनिघट पर हो पनिया भरन खाती भीड़ डाड़ प घइला' लेके चलल गुजरिया हथवा में लटकत डोर रे मन
जाग हो गइल भोर रे मन-जाग हो गइल भोर