सरस्वती - श्री दूधनाथ शर्मा 'श्याम' | Saraswati - Shree Dudhnath Sharma ' Vyas '

हइ हँस की पीठ चढ़े चलि आवेली 
हाथ सितार ले नाच देखावें 
हम से कबहूँ नाहीं राय करें 
कवि कंठ में बैठ के गारी सुनावें 
बुद्धि के दान देलीं - सबके 
भगवान के भाव क भक्त बनावें 
माया के मोह नहीं इनका 
तोहरों के पती पल में भरमावें

Post a Comment

Previous Post Next Post