बलमुआ के याद - कन्हैया प्रसाद 'कुंज' | Balamua Ke Yaad - Kanhaiya Prasad Kunj

बलमुआ के याद हो सतावेला 
करेजवा में टीस हो जगावेला । 
करिया बद‌रिया भयावन रतिया, 
विरह वियोग से जले मोरे छतिया 
नयनवाँ बरस के बुझावेला ।

रही - रही धीरे - धीरे पुरुवा डोले,
दादुर मोर पपैया बोले, 
बिजुरिया चमक के डरावेला ।  

सुसुकी - सुसुकी हम करीला सवेरा 
जेठ दुपहरिया भी लागेला अँधेरा, 
निर्मोहिया के याद तड़पावेला ।

बलमुआ के याद हो सतावेला । 
करेजवा में टीस हो जगावेला ।

Post a Comment

Previous Post Next Post