बलमुआ के याद हो सतावेला
करेजवा में टीस हो जगावेला ।
करिया बदरिया भयावन रतिया,
विरह वियोग से जले मोरे छतिया
नयनवाँ बरस के बुझावेला ।
रही - रही धीरे - धीरे पुरुवा डोले,
दादुर मोर पपैया बोले,
बिजुरिया चमक के डरावेला ।
सुसुकी - सुसुकी हम करीला सवेरा
जेठ दुपहरिया भी लागेला अँधेरा,
निर्मोहिया के याद तड़पावेला ।
बलमुआ के याद हो सतावेला ।
करेजवा में टीस हो जगावेला ।
Tags:
प्रेम