आधी राति उगेला चनरमा हो रामा
पवन खिंचे अँचरा !
दूर बहे नदिया पियासलि अँखिया
हाँफि - हाँफि उड़े मन खोलि दुनों पँखिया
पलक - अँजुरि भरि मोतिया हो रामा
सपन देला पहरा !
निबिया कि गँछिया प पसरे चननिया
काँट अस चुभे अंग - अंग मे किरिनिया
लिलरा प चमके बिजुरिया हो रामा
मथवाँ प बदरा !
झुरु - झुरु बहे अन्हुआइलि बयरिया
चिहुँकि - चिहुँकि उठि बोले कोयलरिया
सून लागे अँगना दुअरिया हो रामा
लागे सून असरा !