पीयर पीयर पीयरी में - मंगल मूर्ति 'मानव' | Mangal Murti 'Manav'

पीयर पीयर पीयरी में सजेली बहुरिया 
जैसे नित खिलई कनइल क फूल 
सुघर सुहाग रंग सजेला सलूका मोर 
मन में लजाइ जाला - सेमरे क फूल

बिंदिया हमार हउवइ सुरुज सलेहरी 
कि जेसे सजना क मन उजियार
सगरा क लहरा जस प्रेम क पहरुआ आगइ 
जे के रोकई नाहीं रात - अँधियार 

काले काले वदरा लगाइ गइले कजरा 
कि अँखिया में - लहरइ - सनेह
मनमें बसल हमरे सजना - सुरतिया 
जइसे पिजड़ा में सुगना सनेह

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