पीयर पीयर पीयरी में सजेली बहुरिया
जैसे नित खिलई कनइल क फूल
सुघर सुहाग रंग सजेला सलूका मोर
मन में लजाइ जाला - सेमरे क फूल
बिंदिया हमार हउवइ सुरुज सलेहरी
कि जेसे सजना क मन उजियार
सगरा क लहरा जस प्रेम क पहरुआ आगइ
जे के रोकई नाहीं रात - अँधियार
काले काले वदरा लगाइ गइले कजरा
कि अँखिया में - लहरइ - सनेह
मनमें बसल हमरे सजना - सुरतिया
जइसे पिजड़ा में सुगना सनेह
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प्रेम