दूटि गइलीं - श्री कल्पनाथ चौबे | Tooti Gaili - Shri Kalpanath Chaube

 कुँअना में पनियाँ गगरिया लेजुरिया, पियासल जाय;
पनिघट से बटोहिया, पियासल जाय ।

घोड़वा चढ़ल आवै दूर से बटोहिया
लटकै बगलिया में ढाल तरवरिया
ओठवा सुखायल, बहै मथवा से पनियाँ, पियासल जाय ।

निहुरि के ढीलै धन कुँअना गगरिया
चितवै बटोहिया के तिरछी नजरिया
अपनै पिया त बाटें बनल सिपहिया, पियासल जाय ।

गगरी निकारि धन धरैलीं जगतिया
नाहीं बा बटोहिया के पीयै कऽ बखतिया
अगवाँ बढ़ल जाला ढीलले लगमियाँ, पियासल जाय ।

छन भर रुकु मोरा सुघर सिपहिया
तूहुँ मोरा पिया हम तोहरी बिअहिया
नइहरे में बीति गइलीं सगरी उमिरिया, पियासल जाय ।

हम तौ हई धन देश कऽ सिपहिया
देसवा पै आइल बाटै बढ़हरि विपतिया
कइले चढ़इया बा कवनौं बिदेसिया, पियासल जाय ।

अबहीं न बाप मोरे नाहीं बा मतरिया
अबहीं न होस मोरे कइसन मेहरिया
देसवा के नसवा क चढ़लि बा खुमरिया, पियासल जाय ।

जब ले न भगिहँइ देस से बिदेसिया
तब ले चउथ चन्दा तोहरी सुरतिया
तब ले न लगिहँइ भूखिया पियसिया, पियासल जाय ।

जब हम लोटब जीति के लड़इया
हम तोरा पिया तँहूँ हमरी दुलहिया
पनियाँ पीअब तब तोहरी गगरिया, पियासल जाय ।

सनची के राखा धन गगरी लेजुरिया
अइसे बचाया जइसे आँखी कऽ पुतरिया,
अपने अँचरवा में हमरी पगरिया, पियासल जाय ।

चाहे पोंछि जइहैं पिया माथे क सेन्हुरवा
चाहे कबौ मिलिहँइ न देखइ के ससुरवा
जरि जइहें पगरी के सँग व इ अँचरवा, पियासल जाय ।

चलि गइलें पिया रहि गइलीं गुजरिया
जिनगी विताइ देहलीं बाबा की दुअरिया
टूटि गइली लेजुरी न भरली गगरिया, पियासल जाय ।

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